Thursday, June 10, 2021

21 जून से वैक्सीनेशन की नई पॉलिसी

 

21 जून से वैक्सीनेशन की नई पॉलिसी 




जानिए- राज्यों को किस आधार पर केंद्र से टीके दिए जाएंगे







Corona Vaccine New Guidelines

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत की कोविड-19 टीकाकरण नीतियों में बदलाव की घोषणा के कुछ घंटों बाद भारत सरकार ने 21 जून से लागू होने वाले राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण कार्यक्रम के लिए रिवाइज्ड गाइडलाइन्स जारी किए हैं. इन दिशानिर्देशों में कहा गया है कि “जनसंखया, बीमारी के बोझ और टीकाकरण की प्रगति के आधार पर राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को वैक्सीन की खुराक आवंटित की जाएगी.


रिवाइज्ड गाइडलाइन्स के मुख्य बिंदु ये हैं :-

1-भारत सरकार देश में निर्माताओं द्वारा उत्पादित किए जा रहे टीकों का 75% खरीद करेगी. राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को टीके मुफ्त में दिए जाते रहेंगे

2-केंद्र 21 जून से राज्यों को 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के टीकाकरण के लिए मुफ्त जैब प्रदान करेगा.

– केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी जाने वाली फ्री ऑफ कॉस्ट वैक्सीन को प्राथमिकता के आधार पर लगाया जाएगा. 

  • हेल्थ केयर वर्कर्स
  • फ्रंट लाइन वर्कर्स
  • 45 साल से अधिक आयु के लोग
  • जिन लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जानी है
  • 18 साल या उससे ऊपर के लोग



4-18 साल से अधिक आयु की जनसंख्या के ग्रुप के लिए राज्य या केंद्र शासित प्रदेश प्राथमिकता के आधार पर सप्लाई शेड्यूल तय करेंगे.

5-भारत सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवांस में उन्हें सप्लाई की जाने वाली वैक्सीन की डोज के बारे में जानकारी देगी. इसी तरह राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी एडवांस में डिस्ट्रिक्ट और वैक्सीनेशन सेंटर्स को उन्हें दी जाने वाली डोज के बारे में जानकारी देंगे. ताकि इसे और अधिक विजिबल और सुविधाजनक बनाया जा सके.

 6- प्राइवेट अस्पतालों के लिए वैक्सीन डोज की कीमत प्रत्येक वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर द्वारा डिक्लेयर की जाएगी. और अगर कोई बदलाव किया जाता है तो वो पहले ही बताना होगा. प्राइवेट अस्पताल हर डोज के लिए ज्यादा से ज्यादा 150 रुपये सर्विस चार्ज के रूप में ले सकते हैं. राज्य सरकारें वैक्सीन की कीमत की मॉनिटरिंग करेंगी.


7- वैक्सीन निर्माताओं द्वारा उत्पादन को प्रोत्साहित करने और नए टीकों को प्रोत्साहित करने के लिए, घरेलू वैक्सीन निर्माताओं को भी निजी अस्पतालों को सीधे टीके उपलब्ध कराने का विकल्प दिया गया है. यह उनके मासिक उत्पादन के 25% तक सीमित होगा. राज्य/केंद्र शासित प्रदेश बड़े और छोटे निजी अस्पतालों और रीजनल बैलेंस के बीच समान डिस्ट्रीब्यूशन को ध्यान में रखते हुए निजी अस्पतालों की मांग को पूरा करेंगे. इस ओवरऑल डिमांड के आधार पर, भारत सरकार निजी अस्पतालों को टीकों की सप्लाई और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म के माध्यम से उनके भुगतान की सुविधा प्रदान करेगी.

8- सभी नागरिक अपनी आय की स्थिति के बावजूद मुफ्त वैक्सीनेशन के हकदार हैं.

9- केंद्र की केंद्रीकृत मुफ्त टीकाकरण नीति 21 जून, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस से शुरू होगी और सरकार 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी भारतीय नागरिकों को मुफ्त कोविड-19 वैक्सीन प्रदान करेगी.

10- लोक कल्याण” की भावना को बढ़ावा देने के लिए नॉन ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसे निजी टीकाकरण केंद्रों पर भुनाया जा सकता है. इससे लोग प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के टीकाकरण में फाइनेंशियली सपोर्ट कर सकेंगे.



11- CoWIN प्लेटफॉर्म प्रत्येक नागरिक को सुविधाजनक और सुरक्षित रूप से प्री-बुकिंग वैक्सीनेशन अपाइंटमेंटकी सुविधा प्रदान करता है. सभी सरकारी और निजी वैक्सीनेशन सेंटर इंडीविजुअल के साथ ही साथ व्यक्तियों के समूहों के लिए ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी प्रदान करेंगे.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में घोषणा करते हुए कहा था कि केंद्र वैक्सीन खुराक के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत खरीदेगा और राज्यों को मुफ्त प्रदान करेगा. कोई भी राज्य सरकार टीकों पर कुछ भी खर्च नहीं करेगी. प्रधान मंत्री ने आगे कहा था कि देश में 23 करोड़ से अधिक कोविड-19 वैक्सीन की खुराक दी गई है और आने वाले दिनों में टीकों की सप्लाई में और ज्यादा वृद्धि होगी.

Wednesday, June 9, 2021

लागू होने जा रहे हैं ये 4 Labour Codes - Salary घटेगी PF बढ़ेगा

मोदी सरकार अगले कुछ महीनों में 4 नई श्रम संहिताएं (Labour Codes) लागू कर देगी. ये कानून लागू होने के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाला वेतन (टेक होम) घट जाएगा.

देश में श्रम सुधारों की दिशा में काम कर रही मोदी सरकार अगले कुछ महीनों में चारों श्रम संहिताएं (Labour Codes) लागू कर देगी. ये कानून लागू होने के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाला वेतन (टेक होम) घट जाएगा. हालांकि कर्मचारियों की बचत यानी पीएफ (PF) की राशि बढ़ जाएगी. 

4 नई श्रम संहिताएं बनाई गईं

श्रम मंत्रालय ने 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को एक जगह मर्ज करके 4 नई श्रम संहिता (कोड) तैयार किए हैं. ये संहिता (Labour Codes) औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा, व्यावसायिक और स्वास्थ्य सुरक्षा तथा कार्यस्थिति से जुड़े हैं. केंद्र सरकार इन कानूनों को 1 अप्रैल, 2021 से लागू करना चाहती थी. 

इसके लिए मंत्रालय ने 4 संहिताओं से जुड़े नियमों को भी अंतिम रूप दे दिया था. इसके बावजूद ये कानून लागू नहीं हो सके. इसका कारण यह था कि कई राज्य अपने यहां संहिताओं के तहत इन नियमों को अधिसूचित करने की स्थिति में नहीं थे.

राज्यों से भी लेनी होगी सहमति

संवैधानिक विशेषज्ञों के मुताबिक भारत के संविधान के तहत श्रम समवर्ती विषय है. ऐसे में इन चारों संहिताओं के नियमों को केंद्र और राज्यों दोनों को अधिसूचित करना होगा. तभी संबंधित राज्यों में ये कानून अस्तित्व में आ पाएंगे.

प्रक्रिया से जुड़े अफसरों ने कहा, ‘कई प्रमुख राज्यों ने इन 4 संहिताओं (Labour Codes) के तहत नियमों को अंतिम रूप नहीं दिया है. कुछ राज्य इन कानूनों के क्रियान्वयन के लिए नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं. केंद्र सरकार हमेशा इस बात का इंतजार नहीं कर सकती कि राज्य इन नियमों को अंतिम रूप दें. ऐसे में सरकार की योजना 1-2 माह में इन कानूनों के क्रियान्वयन की है. इसके लिए कंपनियों और प्रतिष्ठानों को नए कानूनों से तालमेल बैठाने के लिए कुछ समय देना होगा.’

कई राज्यों ने जारी किया मसौदा

सूत्र ने बताया कि कुछ राज्यों ने नियमों का मसौदा पहले ही जारी कर दिया है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक और उत्तराखंड शामिल हैं. नई वेतन संहिता के तहत भत्तों को 50 प्रतिशत पर सीमित रखा जाएगा. इसका मतलब है कि कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 प्रतिशत मूल वेतन होगा. भविष्य निधि (PF) की गणना मूल वेतन के प्रतिशत के आधार पर की जाती है. इसमें मूल वेतन और महंगाई भत्ता शामिल रहता है.

Monday, June 7, 2021

Get Instant e-PAN Card Completely Free




Here's how to apply for a PAN Card in Just 10 Minutes




Now, in order to get A New PAN Card, you need not fill up a 2-Page Detailed Application Form and wait for a few days for it to be delivered. 

The Income Tax Department has launched A New Facility for Taxpayers allowing anyone with an Aadhaar card to Get An Instant PAN Card online. 

Another Major Advantage of this instant PAN drive is that it is Completely Free.



Instant PAN Facility


The instant e-PAN card application form required you to just input your Aadhaar Number after which an OTP will be sent on your Linked Mobile Phone Number for completion of the e-KYC process. One the KYC is complete, a Permanent Account Number (PAN) is issued instantly in just 10 minutes in PDF format to the applicant.


Note that while the e-PAN Card is as good and valid as a physical copy, you can still get a Laminated PAN Card if you want by ordering a reprint for just Rs 50.



Here's how you can apply for instant PAN Card online:

Visit The Income Tax Department's e-filing portal and click on "Instant PAN through Aadhaar" section under "Quick Links" on the left side.

Click on "Get New PAN" on the new page.

Enter your Aadhaar Number for allotment of new PAN Card and the Captcha code to generate an OTP on your Aadhaar-linked Mobile Phone.

Validate the OTP and Aadhaar details. Note that you will have an option to validate your e-Mail id as well for PAN Card application.

The e-KYC data of that Aadhaar Number is exchanged with the Unique Identification Authority of India (UIDAI) after which you will be allotted an instant e-PAN.

Download your PAN in PDF Format by submitting the Aadhaar Number at "Check Status/ Download PAN". You will also get the PAN in PDF Format by your email, if your email-id is registered with Aadhaar Database.



Requirements for instant e-PAN


It is worth mentioning that the entire process is not supposed to take more than 10 minutes and it is free, easy and paperless. You are also not required to upload any document on the portal. The facility is available only to those who have never been allotted a PAN before.


In order to apply, your Mobile Phone Number must be linked to Aadhaar Number and complete date of birth in DD-MM-YYYY format should be available on the Aadhaar Card. 

This instant e-PAN card facility is not available to minors.

Sunday, June 6, 2021

IT Dept Asks Taxpayers To Re-Register DSC On The New Portal

 


Income Tax Dept. Asks Taxpayers To Re-Register DSC On The New Portal From June 7, 2021






In its latest communication via e-mail, The Department of Income Tax has asked Taxpayers to re-register their DSC or Digital Signature Certificate afresh on the New Portal due to be launched on June 7.




Income Tax Dept. Asks Taxpayers To Re-Register DSC On The New Portal From June 7, 2021  

For the purpose of making the e-filing Portal more Customer Friendly and reduce the turnaround time for the Different Tax Functionalities, The Department of Tax shall unveil An Advanced Version.


The communication by the Department said, “Please ensure that you re-register your current valid DSC on the new e-filing portal https://www.incometax.gov.in from June 7th onwards. The earlier DSC Registration on the Old Portal cannot be migrated due to Security and Technical Reasons.”


What is Digital Signature Certificate or DSC?

A DSC is An Electronic Edition of Physical Certificate that validates the Identity of an Individual. In Tax Matters, it is used for signing the documents electronically and for authenticating the electronic documents. 


Depending on the nature of transactions and its various uses, DSC is issued with a validity period of 1 year or 2 years. After the validity expires, DSC needs to be obtained through a fresh application. 

In a case if there are any changes in the personal information, while applying for a fresh DSC you need to make an application to get the same updated on the DSC.

Model Tenancy Act - मकान किराये पर लेने-देने के लिए नया कानून


 

Model Tenancy Act - मकान किराये पर लेने-देने के लिए नया कानून 


मकान मालिक और किरायेदार के किच-किच भरे रिश्तों के सुनहरे दिन आने की उम्मीद जगी है. अब मकान में कोई भी काम होना होगा, तो ये नहीं होगा कि हम कराएं-तुम कराओ. इसके लिए बाकायदा मसौदा तैयार हो गया है, उसी के हिसाब से चलना होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 2 जून यानी बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें Model Tenancy Act यानी मॉडल किरायेदारी कानून को पास कर दिया गया. इसके जरिये मकान मालिक और किरायेदार के हितों की रक्षा और दोनों की ज़िम्मेदारियों को बांटने की कोशिश की गई है. इसमें एक बात जिसका ख़्याल मकान मालिक और किरायेदार दोनों को रखना है, वो ये कि रेंट अग्रीमेंट (Rent Agreement) ज़रूर बनवाना है. इसके अलावा एक वेरिफिकेशन फॉर्म (Verification Form) भी रेंट अथॉरिटी (Rent Authority) में जमा करना होगा.



रेंट अथॉरिटी क्या है?

नए कानून को केंद्र की तरफ से अब राज्यों के पास भेजा जाएगा. राज्य इस कानून को इसी शक्ल में स्वीकार कर सकते हैं या अपनी ज़रूरतों के हिसाब से इसमें कुछ बदलाव भी कर सकते हैं. चूंकि ये राज्य का विषय है. राज्य इसके तहत रेंट अथॉरिटी गठित करेंगे. रेंट अथॉरिटी किसी भी संपत्ति को किराये पर लेने और देने वाले के बीच कानून का पालन सुनिश्चित करेगी. प्रॉपर्टी को किराये पर उठाने से पहले रेंट अथॉरिटी को बताना होगा. किराये से लेकर रेंट अग्रीमेंट तक की सारी जानकारी देनी होगी. कोई विवाद होने पर किरायेदार और मकान मालिक इसी के पास जाएंगे. राज्य सरकारों को रेंट कोर्ट और रेंट ट्रिब्यूनल भी बनाने होंगे, जहां इससे जुड़े गंभीर विवादों का निपटारा होगा.


रेंट कोर्ट या रेंट ट्रिब्यूनल के पास जो भी मामला जाएगा, उसका 60 दिन में समाधान करना होगा. रेंट अग्रीमेंट या किरायेदारी से जुड़ी बाकी सेवाओं के लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म भी तैयार किया जाएगा, जो स्थानीय भाषाओं में भी उपलब्ध होगा. ये कानून अभी तक हो चुके रेंट एग्रीमेंट्स पर लागू नहीं होगा. इस कानून के लागू होने की तारीख के बाद जो रेंट एग्रीमेंट होंगे, सिर्फ उन्हीं को इसकी शर्तों के हिसाब से चलना होगा. ये कानून के नियम शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में भी लागू होंगे.



मकान मालिकों के लिए क्या है?

इस कानून के लागू होने के बाद किसी प्रॉपर्टी को किराये पर देने या लेने से पहले लिखित में एग्रीमेंट करना होगा.

# रेंट अग्रीमेंट पूरा होने के बाद भी अगर किरायेदार मकान खाली नहीं करता, तो मकान मालिक 2 से 4 गुना ज्यादा किराया मांग सकेंगे.

# मकान मालिक अगर संपत्ति में कुछ रेनोवेशन का काम कराता है, तो किरायेदार की सहमति से किराया बढ़ा सकेगा.

# जब किरायेदार को मकान खाली करना हो, और अगर मकान मालिक को लगे कि उसने प्रॉपर्टी में कुछ नुकसान किया है तो वह सिक्योरिटी मनी में से पैसे काट सकता है. कोई विवाद होने पर रेंट अथॉरिटी निपटारा करेगी.



किरायेदारों के लिए क्या है?

# मकान मालिक 2 महीने से ज़्यादा का एडवांस किराया नहीं ले सकेगा.

# रेंट अग्रीमेंट में तय समय पूरा होने से पहले मकान खाली करने का दबाव नहीं बनाया जा सकेगा.

# मकान मालिक को घर का मुआयना करने या कोई रिपेयर वर्क कराने से 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी.

# तय समय के पहले किराये में किसी तरह का बदलाव करने के लिए 3 महीने पहले नोटिस देना होगा.

# मकान मालिक किसी भी स्थिति में किरायेदार की बिजली, पानी जैसी ज़रूरी सुविधाएं बंद नहीं कर सकेंगे.

अगर कोई किराएदार प्रॉपर्टी को किसी तीसरे को किराए पर देना चाहेगा तो मकान मालिक की सहमति से ही ऐसा कर पाएगा.




इसकी ज़रूरत क्यों पड़ी?

आप कह सकते हैं कि इनमें से अधिकतर बातें तो अभी भी फॉलो की जा रही थीं, फिर सरकार को अलग से Model Tenacy Act लाने की क्या ज़रूरत आन पड़ी?

2011 की जनगणना के मुताबिक, देश के शहरी इलाकों में करीब 1.1 करोड़ मकान खाली पड़े हैं. फिलहाल किरायेदार और मकान मालिकों के बीच नियमों की स्पष्टता कम और जटिलता ज़्यादा है. इस वजह से कई लोग तो मकान किराये पर देने से ही हिचकते हैं. उन्हें ये भी डर रहता है कि कहीं किरायेदार मकान पर कब्जा न कर लें. किरायेदार भी तमाम सोच-विचार के बाद ही मकान लेता है. सरकार का मानना है कि इन कानूनों से देश में मकानों को किराये पर उठाने में मदद मिलेगी. और अगर मकान को किराये पर लेने का सिस्टम आसान बनाया जा सका तो मोदी सरकार की 2022 तक सबको घर योजना को बूस्ट मिल सकता है.

Saturday, June 5, 2021

1 अगस्त से अब वीकेंड पर भी आ जाएगी सैलरी

 

अब Weekend पर भी आ जाएगी Salary 



NACH की सुविधाएं पूरे हफ्ते मिलेंगी



1 अगस्त से लागू








:Salary on Weekends: 

अब आपको अपनी सैलरी के लिए शनिवार और रविवार यानी वीकेंड के गुजरने का इंतजार नहीं करना होगा, RBI ने National Automated Clearing House (NACH) के नियमों में बदलाव कर दिया है. NACH की सुविधाएं 1 अगस्त, 2021 से हफ्ते में सातों दिन मिलेगी. अभी सिर्फ इसकी सुविधाएं तभी मिलती हैं जब बैंक खुले होते हैं, आमतौर पर सोमवार से शुक्रवार के बीच ही NACH की सुविधाएं मिलती है. 


NACH की सुविधाएं अब पूरे हफ्ते

कई बार ऐसा होता है कि महीने की पहली तारीख वीकेंड पर पड़ जाती है, जिसकी वजह से सैलरीड क्लास को अपनी सैलरी अकाउंट में क्रेडिट होने के लिए सोमवार तक का इंतजार करना पड़ता है. RBI गवर्नर शक्तिकांता दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने क्रेडिट पॉलिसी रीव्यू के दौरान ऐलान किया कि ग्राहकों की सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए और  24×7 मौजूद रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) का लाभ उठाने के लिए, NACH जो अभी बैंकों में कार्य दिवसों में उपलब्ध है, इसे हफ्ते के सभी दिनों लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है, जो 1 अगस्त, 2021 से प्रभावी होगा. 



सैलरी, पेंशन, EMI पेमेंट अब वीकेंड पर भी

NACH एक बल्क पेमेंट सिस्टम है जिसे नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेश ऑफ इंडिया (NPCI) संचालित करता है. जो कई तरह के क्रेडिट ट्रांसफर जैसे डिविडेंड, इंटरेस्ट, सैलरी और पेंशन की सुविधा देता है. इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी बिल का पेमेंट, गैस, टेलीफोन, पानी, लोन की EMI, म्यूचुअल फंड निवेश और इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान की भी सुविधा देता है. मतलब अब आपको इन सारी सुविधाओं को हासिल करने के लिए सोमवार से शुक्रवार यानी Week Days का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, ये काम Weekends में भी हो जाएंगे. 


RBI ने कहा कि NACH लाभार्थियों के लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) के एक लोकप्रिय और प्रमुख डिजिटल मोड के रूप में उभरा है, जो मौजूदा वक्त में COVID-19 के दौरान समय पर और पारदर्शी तरीके से सरकारी सब्सिडी के हस्तांतरण में मदद करता है. वर्तमान में, NACH की सेवाएं केवल उन्हीं दिनों मिलती हैं जब बैंक काम कर रहे होते हैं, लेकिन 1 अगस्त से यह सुविधा सप्ताह के सभी दिनों में उपलब्ध होगी.

Thursday, June 3, 2021

File Income Tax Returns Through Mobile Phone

 ITR Filing

File Income Tax Returns Through Mobile Phone







Income Tax Department has also said that there will be A Brand New Mobile Application. Once the New Website goes Live Next Week, it will be User-Friendly and Mobile-Friendly Portal, Income Tax Department has said.

Income Tax Returns (ITR) filing can be done via Mobile Phone as Income Tax Department is introducing its New Portal www.incometax.gov.in which will go live on June 7. It will replace the existing portal for filing ITR www.incometaxindiaefiling.gov.in. Meanwhile, e-ITR filing services will remain unavailable till June 6


Once the New Website goes live next week, it will be user-friendly and mobile-friendly portal, Income Tax Department has said. Income Tax Department has also said that there will be a brand new mobile application.


Income Tax Department proudly announces the launch of New Portal -
www.incometax.gov.in in the service of our esteemed taxpayers. The New Portal will simplify all services, making it highly user-friendly for all users. The New Portal will replace the current portal www.incometaxindiaefiling.gov.in,” Income Tax India stated. 


If you have any query in this regard, you can contact Income Tax Department contact numbers –
1800 103 0025, 1800 419 0025.